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Friday 2 January 2015

अब बिना अनुमति के नही होगा गानों का व्यावसायिक इस्तेमाल देनी होगी रॉयल्टी

जगदीश सैन पनावड़ा

मुंबई/नई दिल्ली। नई दिल्ली उच्च न्यायालय ने संबंधित संगठन या गायकों से लाइसेंस या अनुमति लिए बिना उनके गानों का व्यावसायिक इस्तेमाल किए जाने पर रोक लगा दी है। अदालत के इस आदेश का पार्श्वगायकों,संगीतकारेां व अन्य संगीत की कपंनियों ने स्वागत किया है।
इंडियन सिंगर्स राइट्स एसोसिएशन (आईएसआरए) के प्रमुख संजय टंडन ने इस सप्ताह की शुरुआत में नाइट फीवर क्लब एंड लाउंज के खिलाफ आए अदालत के इस फैसले के बारे में जानकारी दी।
इस बारे में उन्होने कहा, “यह कानून 2012 से लागू है, लेकिन लोगों को लगा कि यह अब तक अस्तित्व में नहीं आया है। कानून पर अमल होना जरूरी है और हमें न्यायालय से अब वही मिला है।”
टंडन ने वर्ष 2012 में कॉपीराइट अधिनियम में संशोधन किए जाने के बाद एसोसिएशन की पहली कानूनी जीत के बारे में कहा, “हम अब अपने सभी उपभोक्ताओं से आईएसआरए लाइसेंस लेने और गायकों के योगदान का सम्मान करने की अपील करते हैं।”
अधिनियम के तहत अब अगर गीतों को व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए बजाया गया, तो संबंधित गायक रॉयल्टी पाने का हकदार होगा। इस क्रम में आईएसआरए ने अग्रणी रेडियो स्टेशन, टेलीविजन चौनलों और मोबाइल नेटवर्क को लाइसेंस लेने के लिए नोटिस जारी किया है।।
इस कदम से संगीत जगत खुश है।
सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर ने इस बारे में कहा, “मुझे खुशी है कि आखिरकार एक महत्वपूर्ण मुद्दे ने रूप ले लिया है और सभी गायकों को उनकी बकाया राशि मिलेगी।”
गजल गुरु पंकज उधास ने कहा, “हम हमारी रॉयल्टी के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। मुझे खुशी है कि आईएसआरए ने इस दिशा में प्रगति की है।” मशहूर गायक सोनू निगम ने कहा, “मुझे यकीन है कि कई गायक अब इन रॉयल्टी से अपने घर चला पाएंगे।”
इस एसोसिएशन ने 3 मई, 2013 को एक गैर-लाभकारी कंपनी का रूप ले लिया था।

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